Fundamentals of electricity – बिजली के मूल सिद्धांत (Fundamentals of Electricity in Hindi)बिजली हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे समझने के लिए, इसके कुछ बुनियादी सिद्धांतों को जानना ज़रूरी है|
Fundamentals of Electricity

Why Learn These Basics Fundamentals of Electricity
दोस्तों, ये चार concepts—charge, current, voltage, और resistance—electrical engineering के building blocks हैं। इन principles को समझे बिना advanced topics जैसे circuit design या power systems को समझना मुश्किल है।”
Contents
पदार्थ की सरंचना STRUCTURE OF MATERIAL
प्राम्भिक विद्युत basic electrical के विभिन्न घटको को बेहतर तरीके से समझने के लिए पहले एक नजर हम पदार्थो की पदार्थ की सरंचना पर डालते है।
अणु और परमाणु क्या होते है , what is atom and molecules
हम सभी जानते हे की प्रत्येक पदार्थ छोटे छोटे कणो से मिलकर बना होता है जिन्हे अणु कहते है, और प्रत्येक अणु कई परमाणुओं से मिलकर बनता है , परमाणु भी प्रकृति का सूक्ष्मतम कण नहीं है ये भी प्रोटॉन ,न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रान से मिलकर बना होता है।
अणु और परमाणु की संरचना , structure of atom and molecules
प्रोटोन व न्यूट्रॉन नाभिक(Nucleus) के अंदर रहते हे और इलेक्ट्रान नाभिक चारो और विभिन्न कक्षों में अवस्थित होकर परिक्रमा करते रहते है|
परमाणु की अंतिम कक्षा के इलेक्ट्रान मुक्त या संयोजी इलेक्ट्रान कहलाते है। ये मुक्त इलेक्ट्रान ऊर्जा मिलने पर दूसरे परमाणु के मुक्त इलेक्ट्रानो से बंध बनाते है यह क्रिया आयनीकरण है। संयोजकता
सामान्य अवस्था में जब तक की परमाणु को किसी प्रकार की बाह्य ऊर्जा [यह ऊर्जा हीट व् विद्युत व् अन्य किसी रूप में दी जाती है ] प्रदान न की जाये परमाणु उदासीन रहता है।
इस स्थति में परमाणु में > न्युट्रान पर कोई आवेश नहीं होता। > प्रोटॉन पर जितना धनावेश होता है उतना ही ऋणावेश इलेक्ट्रान पर होता है अतः हम कह सकते है परमाणु सामान्यतः उदासीन होते है।
What is Electric Charge? विद्युतीय आवेश क्या होता है

विद्युत आवेश पदार्थ का एक मूलभूत गुण है जो उसे विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों में बल का अनुभव कराता है। यह वस्तुओं के एक दूसरे को आकर्षित या प्रतिकर्षित करने का कारण बनती है।
विद्युत आवेश के प्रकार (Types of Electric Charge):

विद्युत आवेश दो प्रकार का होता है |
धनात्मक आवेश (Positive Charge): यह प्रोटॉन में पाया जाता है, जो परमाणु के नाभिक में होते हैं।
ऋणात्मक आवेश (Negative Charge): यह इलेक्ट्रॉनों में पाया जाता है, जो परमाणु के नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
- Positive charge, जो protons में पाया जाता है।
- Negative charge, जो electrons में पाया जाता है।
आवेश के गुण
आकर्षण और प्रतिकर्षण (Attraction and Repulsion): समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं| जैसे, दो धनात्मक आवेश या दो ऋणात्मक आवेश एक दूसरे से दूर हटेंगे।
विपरीत आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं जैसे, एक धनात्मक आवेश और एक ऋणात्मक आवेश एक दूसरे की ओर खिंचे चले आएंगे।
How Electric Charge Works आवेश कैसे कार्य करता है ?

“अब सवाल ये है कि electric charge काम कैसे करता है?
सभी चीजें atoms से बनी होती हैं, जिनमें protons, neutrons, और electrons होते हैं। Protons positive charge रखते हैं, electrons negative charge, और neutrons neutral होते हैं।
जब किसी object में electrons की संख्या protons से अलग हो जाती है, तो object charged हो जाता है।
For example, जब आप dry hair में comb करते हैं, तो comb negatively charged हो जाती है, और बाल positively charged। इसी वजह से बाल comb की तरफ attract होते हैं।”
बिजली के उपकरणों में विद्युत धारा इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण होती है।
आवेश का मापन (Measurement of Charge)
विद्युत आवेश को कूलम्ब (Coulomb) में मापा जाता है, जिसे ‘Q’ से दर्शाया जाता है।
Q=IT
इसमें Q = charge , I = current, T= time
What is Electric Current? विद्युत धारा क्या होती है |

“अब बात करते हैं विद्युत धारा, यानी Electric Current की। Electric current का मतलब है charged particles का flow होना |
जैसे पानी pipe में flow करता है।
उसी प्रकार अच्छे Conductors, जैसे copper और aluminum, current carriers होते हैं। ये धारा का प्रवाह सुगम करते है |
और insulators, जैसे rubber और plastic, current flow को रोकते हैं।
Current की दिशा traditionally positive charge के flow की मानी जाती है, इस समय electrons उल्टी दिशा में move करते है |
विद्युत धारा का मापन (Measurement of ⚡ electric current)
Electrical current को ampere में measure किया जाता है। एक ampere का मतलब है एक second में एक coulomb charge का flow।”
एक एम्पीयर का मतलब है किसी परिपथ में एक सेकंड में एक कूलम्ब आवेश का प्रवाह।
उदाहरण: जब आप एक स्विच ऑन करते हैं, तो आप एक विद्युत परिपथ को पूरा करते हैं, जिससे विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है और बल्ब जल जाता है।
बैटरी से चलने वाले उपकरणों में, बैटरी विद्युत धारा का स्रोत होती है।
किसी चालक को यदि 1 कुलम्ब आवेश 1 सेकंड तक दिया जाए तो उसमे 1 एम्पियर विध्युत धारा बहेगी ।
किसी बिंदु से 1 सेकंड में 1 एम्पियर विध्युत धारा बहने पर उसमे बहने वाले इलेक्ट्रान की संख्या 6.28 *10 ꜛ18 होगी ।
विध्युत धारा की चाल और प्रकाश की चाल समान होती है। [3 ✖ 10 ꜛ8 ]मीटर/सेकंड
विद्युत धारा के प्रकार type of electric current
विद्युत धारा दो प्रकार की होती हे -alternating current and direct current
1 डायरेक्ट करंट DC
1. डायरेक्ट करंट DC [दिस्ट धारा ]> इसका मान और दिशा अपरिवर्तित रहती हे। इसका सीधा उत्पादन सौर ऊर्जा , रासायनिक सेलों आदि से किया जाता है , इसका उपयोग इलेक्ट्रोप्लेटिंग ,आर्क वेल्डिंग ,बैटरी चार्जिंग आदि में किया जाता है।
2 अलटरनेटिंग करंट AC [ प्रत्यावर्ती धारा ]
2 . अलटरनेटिंग करंट AC [ प्रत्यावर्ती धारा ] > इसका दिशा और मान एक नियत दर पर बदलते रहते हे। यह केवल अलटरनेटर [AC जनित्र ]से ही प्राप्त की जा सकती हे। भारत में घरेलू व औद्योगिक क्षेत्र में सर्वाधिक उपयोग AC का ही हो रहा है।
>AC को सरलता से DC में बदला जा सकता हे।
विद्युत धारा के प्रभाव: effect of electric current
उष्मा: जब विद्युत धारा किसी प्रतिरोधक (जैसे हीटर) से गुजरती है, तो वह उष्मा उत्पन्न करती है।
चुंबकीय क्षेत्र: विद्युत धारा अपने चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।
रासायनिक प्रभाव: कुछ रासायनिक प्रक्रियाओं में विद्युत धारा का उपयोग किया जाता है।
गैस आयनीकरण : इस प्रभाव से विशेष प्रकार के बल्ब बनाए जाते है |
विकिरण प्रभाव : X -Ray
संक्षेप में, विद्युत धारा आवेशित कणों का प्रवाह है जो विद्युत परिपथ में प्रवाहित होता है और विभिन्न प्रभावों का कारण बनता है।
विद्युत वाहक बल [EMF ] (basic electrical)
किसी चालक में विद्युत धारा को प्रवाहित करने वाला बल विद्युत वाहक बल कहलाता हे।
यह सामान्यतः बैटरी या जनरेटर से प्राप्त किया जाता है।
Emf का प्रतीक E और मात्रक वोल्ट v हे।
1 वोल्ट Emf से एक Ω प्रतिरोध के वायर में 1 एम्पियर धारा प्रवाहित की जा सकती है।
Voltage क्या होता है , what is voltage ⚡

“अब समझते हैं voltage, जिसे हिंदी में विद्युत विभव या pressure कहते हैं। Voltage वह force है, जो electrons को conductor में flow करने के लिए push करता है।
इसे विभवांतर भी कहते है – विद्युत विभव में अंतर: वोल्टेज दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभव में अंतर होता है।
विद्युत विभव एक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की क्षमता को मापता है। जब दो बिंदुओं के विभव में अंतर होता है, तो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह संभव होता है।
ऊर्जा का स्रोत: वोल्टेज एक ऊर्जा का स्रोत है जो इलेक्ट्रॉनों को गति प्रदान करता है। बैटरी, जनरेटर और बिजली के आउटलेट वोल्टेज के स्रोत हैं।
संक्षेप में, वोल्टेज एक “विद्युत दबाव” है जो विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉनों को प्रवाहित करता है और विद्युत उपकरणों को चलाने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।
वोल्टेज का मापन : (Measurement of ⚡ voltage)
वोल्टेज को वोल्ट (V) में मापा जाता है।उदाहरण: घरों में आने वाली बिजली का वोल्टेज 220 से 240 वोल्ट होता है।
वोल्टेज का महत्व: वोल्टेज विद्युत उपकरणों को चलाने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। विभिन्न उपकरणों को अलग-अलग वोल्टेज की आवश्यकता होती है। बहुत अधिक वोल्टेज उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है।
Voltage को volts में measure किया जाता है।
example – इसे ऐसे समझें जैसे ऊँचाई से पानी नीचे गिर रहा हो—जितना ज्यादा pressure होगा, उतना तेज flow होगा।”
इसी तरह, जितना अधिक वोल्टेज होगा, इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह उतना ही तेज होगा, यानी विद्युत धारा उतनी ही अधिक होगी।
What is Resistance? प्रतिरोध क्या होता है |

किसी चालक (जैसे तार) का वह गुण जो उसमें से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है।
Resistance वह property है, जो current के flow को oppose करती है।
जब इलेक्ट्रॉन किसी चालक में प्रवाहित होते हैं, तो वे चालक के परमाणुओं से टकराते हैं। ये टक्करें इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को धीमा कर देती हैं, यही प्रतिरोध है।
प्रतिरोध (Resistance)प्रतिरोध (Resistance) विद्युत परिपथ का एक महत्वपूर्ण गुण है जो विद्युत धारा के प्रवाह में रुकावट डालता है। इसे अंग्रेजी में Resistance कहते हैं|
पानी के पाइप का उदाहरण: प्रतिरोध को पानी के पाइप के उदाहरण से समझा जा सकता है। एक पतला पाइप मोटे पाइप की तुलना में पानी के प्रवाह में अधिक रुकावट डालेगा। इसी तरह, एक उच्च प्रतिरोध वाला चालक कम प्रतिरोध वाले चालक की तुलना में विद्युत धारा के प्रवाह में अधिक रुकावट डालेगा।
प्रतिरोध का मापन : measurment of resistance
इसे अक्षर ‘R’ से दर्शाया जाता है। इसे ओम (Ω) में मापा जाता है।
Resistance को ohms में measure करते हैं। यह conductor की (length) लंबाई , material , और temperature पर depend करता है।
Example के लिए, heater और bulb में high-resistance wires use होते हैं, जो heat और light generate करते हैं।
प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक
पदार्थ: अलग-अलग पदार्थों का प्रतिरोध अलग-अलग होता है। तांबा एक अच्छा चालक है और इसका प्रतिरोध कम होता है, जबकि लकड़ी एक अचालक है और इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है।
लंबाई: चालक की लंबाई बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ता है।
अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल: चालक का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल बढ़ने पर प्रतिरोध कम होता है।
तापमान: तापमान के बदलने पर भी पदार्थ का प्रतिरोध बदलता है
चालकता [conductivity ]
चालकता पदार्थो का वह स्वभाविक गुण हे ,जिससे पदार्थ अपने में बहने वाली धारा को सुगमता प्रदान करता है|
यह प्रतिरोध का विपरीत गुण होता है ।
यह गुण मुख्यतः धातुओ मे पाया जाता है । सबसे सुचालक धातु चाँदी है ।
चालकता का प्रतीक G हे।
चालकता का मात्रक साइमन होता है। साइमन का प्रतिक s हे।
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विनोद कुमार धाकड़ , electricalrojgar.com वेबसाइट पर संपादक की भूमिका मे है । इस वैबसाइट पर इलेक्ट्रिकल ब्रांच ( B. TECH , DIPLOMA , ITI ) के अभ्यर्थियों के लिए STUDY MATERIAL ,ONLINE MOCK TEST , RECRUITMENT INFORMATION अपडेट किए जाते है , उम्मीद करते है आपको इस वैबसाइट से जरूर मदद मिलेगी ।