सर जॉर्ज साइमन ओह्म ने एक नियम स्थापित किया था , यह नियम किसी बंद परिपथ में वोल्टेज ,धारा व प्रतिरोध के मध्य सम्बन्ध दर्शाता है। ohm’s law
यह भी जाने सर जॉर्ज साइमन ओह्म कौन थे
इस पोस्ट मे हम जानेंगे –
- ohm’s law definition (ओहम के नियम की परिभाषा )
- ohm’s law formula ( ओहम के नियम की परिभाषा )
- ohms law triangle ( ओहम के नियम का त्रिकोण )
- ohms law calculation ( ओहम के नियम की गणनाए )
- ohmic conductor ( ओह्मिक चालक )
- use of ohm’s law ( ओहम के नियम के उपयोग )
ohm’s law definition (ओहम के नियम की परिभाषा )
यदि किसी चालक या प्रतिरोध की भौतिक परिस्थितियों में बदलाव न किया जाये ,तो चालक या प्रतिरोध के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर उस चालक में प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।
भौतिक परिस्तिथियों से आशय – ताप ,दाब ,चालक की लम्बाई ,चालक की अनुप्रस्थ काट आदि।
V ∝ I
V =R I V = वोल्टेज I = धारा R = प्रतिरोध
ohms law triangle ( ओहम के नियम का त्रिकोण )
ओहम के नियम का त्रिकोण ओहम के नियम को लंबे समय तक याद रखने के लिए ओर गणितीय गणनाओ मे त्रुटि न हो इसलिए बनाया गया है । यह ओहम के नियम को याद रखने मे हेल्प करता है ।
ohms law calculation ( ओहम के नियम की गणनाए )
ओहम के नियम की गणनाए V=IR सूत्र से की जाती है ।
ohmic conductor ( ओह्मिक चालक )
ohmic conductor ( ओह्मिक चालक ) उस चालक को कहते है जिसकी चालकता तापमान के बदलने पर भी प्रभावित नहीं होती है , क्योकि जब ओहम के नियम का सत्यापन किया जाता है तो जैसे जैसे चालक के अंदर करंट का प्रवाह बढ़ता है वैसे वैसे चालक गरम होता है यदि इस गर्मी से चालक का प्रतिरोध प्रभावित हो जाता है तो प्रेक्षण मे त्रुटि हो जाती है ।
यह भी जाने –what is capacitor
यह भी जाने – WHAT IS INDUCTOR ( INDUCTOR IN HINDI )
use of ohm’s law ( ओहम के नियम के उपयोग )
use of ohm’s law – ओहम के नियम का प्रयोग डीसी परिपथ मे होता है , एसी परिपथ मे ओह्म का नियम तब लागू होता है जब परिपथ पूर्ण रूप से प्रतिरोधी हो , परिपथ मे धारिकीय ओर प्रेरणीय प्रभाव न हो ।
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